गुमला जिले की इस प्राचीन गुफा में हुआ था हनुमान जी का जन्म, माँ अंजना के क्रोध से हुआ इसका द्वार बंद!


मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के सबसे प्यारे भक्त हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि यह आज भी जीवित हैं। हनुमान जी, श्री राम के सच्चे भक्त और सेवक हैं। हनुमान जी के बारे में यह कथा प्रचलित है कि यह बचपन में बहुत चंचल थे। इन्हें सभी देवताओं ने अपनी शक्तियाँ दी थी, इसलिए यह बहुत शक्तिशाली थे। इन्होने अपने बचपन में बहुत ऋषि मुनियों को परेशान किया था। इस वजह से इन्हें ऐसा श्राप मिला था कि यह अपनी शक्तियों के बारे में भूल जायेंगे और जब तक कोई इन्हें याद नहीं दिलाएगा उन्हें इसके बारे में कुछ भी याद नहीं आएगा।

हनुमान जी के मंदिर बने हुए हैं पुरे भारत में:
हम सभी के मन में यह बात जानने की इच्छा होती है कि आख़िरकार हनुमान जी का जन्म कहाँ हुआ था। आज हम आपके इस सवाल का जवाब ढूंढ लाये हैं। दरअसल हनुमान जी का जन्म जिस गुफा में हुआ था, उसका पता चल गया है और वह कहीं और नहीं बल्कि झारखण्ड के गुमला जिले के उत्तरी हिस्से में स्थित है।
हनुमान जी के मंदिर पुरे भारत में बने हुए हैं, लेकिन गुमला जिले में इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसमें हनुमान जी अपनी माँ अंजना की गोद में बैठे हुए हैं।
माँ अंजना के क्रोध से बंद हो गयी गुफा:
इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि कलयुग के प्रारंभ में यह गुफा अपने आप बंद हो गयी थी। गुफा के बंद होने के पीछे माँ अंजना का गुस्सा माना जाता है। आपको बता दें गुमला जिले से लगभग 22 किलोमीटर दूर यह गाँव है और माँ अंजना के नाम पर ही इस गाँव का नाम आंजन रखा गया है।
आज भी स्थित है यह प्राचीन गुफा:
लोगों के अनुसार गुमला जिले के आंजनधाम में स्थित एक पहाड़ी की गुफा में ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। कलयुग में इस गुफा का द्वार अपने आप बंद हो गया। इसके बंद होने के पीछे एक कहानी है। लोगों का कहना है कि लोगों ने इस जगह पर बलि देना प्रारम्भ कर दिया था, जिससे माँ अंजना क्रोधित हो गयी और उन्होंने गुफा का द्वार बंद कर दिया। यह गुफा आज भी आंजननगर में स्थित है।

Comments

Popular posts from this blog

लोग नहीं मानते कि उत्तर प्रदेश के हैं पीएम नरेंद्र मोदी : मायावती

अभी-अभी: सेना ने मचाई पाकिस्तान में तबाही, 15 पाक रेंजरो को सुलाया...पढ़े पूरी खबर...

प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश की सूचना से सनसनी, पुलिस व खुफिया एजेंसी सतर्क